सर्दी का आवरण हट रहा है। लोग धूप में निकलने और बैठने लगे हैं। अब वक्त है ठंडक के बाद शरीर को धूप की गुनगुनी गर्माहट देने का। ऐसे में धूप में बैठकर अगर तेल मालिश या मसाज भी कर ली जाए, तो सोने पे सुहागा।
तेल मालिश के फायदे
त्वचा में आई खुश्की दूर होती है।
त्वचा की झुर्रियां दूर होती हैं।
त्वचा में चमक आती है।
ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
शरीर की नस-नाड़ियों को ताकत मिलती है।
मांसपेशियों की कमजोरी दूर होती है।
थकान दूर होती है।
शरीर में ताकत महसूस होती है।
औषधीय तेलों का इस्तेमाल किया जाए, तो हड्डियां मजबूत होती हैं।
गठिया, हड्डियों का टेड़ा-मेढ़ा होना, सिरदर्द, दिमाग की कमजोर आदि दूर होती
त्वचा की झुर्रियां दूर होती हैं।
त्वचा में चमक आती है।
ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
शरीर की नस-नाड़ियों को ताकत मिलती है।
मांसपेशियों की कमजोरी दूर होती है।
थकान दूर होती है।
शरीर में ताकत महसूस होती है।
औषधीय तेलों का इस्तेमाल किया जाए, तो हड्डियां मजबूत होती हैं।
गठिया, हड्डियों का टेड़ा-मेढ़ा होना, सिरदर्द, दिमाग की कमजोर आदि दूर होती
सरसों के तेल के लाभ ,मालिश में
ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है।
त्वचा में निखार आता है।
मांसपेशियों का तनाव दूर होता है।
धूप में सरसों के तेल की मालिश से शरीर में सूर्य की किरणों से मिलने वाला विटामिन-डी अच्छी तरह समा जाता है।
शरीर के पसीना लाने वाले ग्लैंड्स सक्रिय हो जाते हैं, जिससे शरीर के विषैले तत्व आसानी से बाहर निकल जाते हैं।
सरसों के तेल में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं। इसे शरीर पर लगाने या खाने से भी त्वचा के संक्रमण की आशंका कम हो जाती है।
इसमें विटामिन ई भी होता है, जिससे त्वचा की झुर्रियां आदि दूर होती हैं।
सरसों के तेल की तासीर गर्म होती है। सर्दियों में इसके इस्तेमाल से सर्दी से भी बचाव होता है।
त्वचा में निखार आता है।
मांसपेशियों का तनाव दूर होता है।
धूप में सरसों के तेल की मालिश से शरीर में सूर्य की किरणों से मिलने वाला विटामिन-डी अच्छी तरह समा जाता है।
शरीर के पसीना लाने वाले ग्लैंड्स सक्रिय हो जाते हैं, जिससे शरीर के विषैले तत्व आसानी से बाहर निकल जाते हैं।
सरसों के तेल में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं। इसे शरीर पर लगाने या खाने से भी त्वचा के संक्रमण की आशंका कम हो जाती है।
इसमें विटामिन ई भी होता है, जिससे त्वचा की झुर्रियां आदि दूर होती हैं।
सरसों के तेल की तासीर गर्म होती है। सर्दियों में इसके इस्तेमाल से सर्दी से भी बचाव होता है।
तिल का तेल
तिल के तेल में अल्ट्रावायलेट किरणों से रक्षा करने का प्राकृतिक गुण होता है। इसके नियमित इस्तेमाल से सूर्य की किरणों के सीधे संपर्क में आने पर भी किरणों के हानिकारक प्रभाव से रक्षा होती है, जिससे त्वचा पर बढ़ती उम्र के असर कम दिखते हैं।
तिल के तेल का इस्तेमाल हवा में मौजूद प्रदूषण और धुएं के दुष्प्रभावों से भी रक्षा करता है।
तिल का तेल अपने एंटीबैक्टीरियल और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुणों के कारण सभी तरह की त्वचा के लिए सुरक्षित होता है। इसलिए इसे एक्ने वाली त्वचा पर भी लगाया जा सकता है।
तिल का तेल अपने एंटीबैक्टीरियल और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुणों के कारण सभी तरह की त्वचा के लिए सुरक्षित होता है। इसलिए इसे एक्ने वाली त्वचा पर भी लगाया जा सकता है।
तिल का तेल कॉपर, मैगनीज, कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर होता है। इसमें एंटी- ऑक्सिडेंट तत्व भी पाए जाते हैं, जिससे यह आसानी से त्वचा में समाकर त्वचा को मुलायम बना देता है।
तिल के तेल में विटामिन ई, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन डी की उच्च मात्रा होती है, जो शरीर के लिए बहुत जरूरी है।
तिल के तेल में विटामिन ई, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन डी की उच्च मात्रा होती है, जो शरीर के लिए बहुत जरूरी है।
तिल के तेल में विषैले तत्वों को दूर करने के गुण होने के कारण इसे मालिश के लिए बहुत अच्छा माना गया है। इसकी मालिश से पर्यावरण से शरीर में दाखिल हुए विषैले तत्व पूरी तरह बाहर निकल जाते हैं और शरीर काफी शुद्ध हो जाता है।
अतिबला (खरैटी) का तेल
अतिबला से बने तेल को नर्वस सिस्टम के सभी तरह के विकारों, जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों की जकड़न, लंबी बीमारी के बाद की कमजोरी दूर करने और चेहरे के लकवे की दशा में कारगर माना गया है, जिसका इस्तेमाल विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है।
अतिबला से बने तेल को नर्वस सिस्टम के सभी तरह के विकारों, जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों की जकड़न, लंबी बीमारी के बाद की कमजोरी दूर करने और चेहरे के लकवे की दशा में कारगर माना गया है, जिसका इस्तेमाल विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है।
अन्य तेल
शरीर में दर्द को दूर करने के लिए सरसों के तेल में अजवाइन या लहसुन पकाकर मालिश करना भी अच्छा माना जाता है। बच्चों की मालिश के लिए बेबी ऑयल भी आते हैं।
शरीर में दर्द को दूर करने के लिए सरसों के तेल में अजवाइन या लहसुन पकाकर मालिश करना भी अच्छा माना जाता है। बच्चों की मालिश के लिए बेबी ऑयल भी आते हैं।
है।
गर्मी: गर्मी में मालिश के लिए नारियल का तेल या गाय का घी इस्तेमाल करना चाहिए।
मॉनसून: बेहतर होगा कि मॉनसून में बॉडी मसाज से बचें, लेकिन अगर इलाज के लिए जरूरी हो तो कुछ बातों का ध्यान रखें। बारिश हो रही हो तो मालिश न कराएं और मालिश तभी कराएं जब धूप निकल रही हो। तिल के तेल को इस मौसम में परफेक्ट माना जाता है।
मॉनसून: बेहतर होगा कि मॉनसून में बॉडी मसाज से बचें, लेकिन अगर इलाज के लिए जरूरी हो तो कुछ बातों का ध्यान रखें। बारिश हो रही हो तो मालिश न कराएं और मालिश तभी कराएं जब धूप निकल रही हो। तिल के तेल को इस मौसम में परफेक्ट माना जाता है।
ऐसे करें मालिश
• सबसे पहले सिर की मसाज करनी चाहिए। ध्यान रहे कि मालिश हल्के-हल्के हाथों से करें। सिर के साथ ही चेहरे की भी मालिश करें। इसके बाद हल्के हाथों से गर्दन पर मालिश करें।
• गर्दन के बाद कंधों पर गोल-गोल तरीके से मालिश करें। फिर हाथों पर उंगलियों की दिशा में मालिश करें। कोहनियों और कलाइयों पर भी गोल-गोल मसाज करें।
• इसके बाद शरीर के आगे के हिस्से (सीना और पेट) की मालिश करें। यहां ज्यादा जोर न लगाएं। आगे के हिस्से में महत्वपूर्ण अंग जैसे दिल, फेफड़े आदि होते हैं। इसलिए आगे की ओर ज्यादा देर तक मसाज नहीं करनी चाहिए।
• कमर पर नीचे से ऊपर की ओर मालिश करना बेहतर माना जाता है। कमर पर मालिश के दौरान उंगलियों से थोड़ा दबाव बनाना बेहतर रहता है।
• सबसे पहले सिर की मसाज करनी चाहिए। ध्यान रहे कि मालिश हल्के-हल्के हाथों से करें। सिर के साथ ही चेहरे की भी मालिश करें। इसके बाद हल्के हाथों से गर्दन पर मालिश करें।
• गर्दन के बाद कंधों पर गोल-गोल तरीके से मालिश करें। फिर हाथों पर उंगलियों की दिशा में मालिश करें। कोहनियों और कलाइयों पर भी गोल-गोल मसाज करें।
• इसके बाद शरीर के आगे के हिस्से (सीना और पेट) की मालिश करें। यहां ज्यादा जोर न लगाएं। आगे के हिस्से में महत्वपूर्ण अंग जैसे दिल, फेफड़े आदि होते हैं। इसलिए आगे की ओर ज्यादा देर तक मसाज नहीं करनी चाहिए।
• कमर पर नीचे से ऊपर की ओर मालिश करना बेहतर माना जाता है। कमर पर मालिश के दौरान उंगलियों से थोड़ा दबाव बनाना बेहतर रहता है।
टांग पर मालिश जांघ से पैर की ओर करनी चाहिए। घुटनों पर गोल-गोल मालिश करें। तलुवों पर ऐड़ी से उंगलियों की ओर मसाल करें।
• सिर की मसाज के लिए रूम टेम्प्रेचर पर रखे तेल और बाकी हिस्सों के लिए गुनगुने तेल का इस्तेमाल करना चाहिए।
• मालिश कराने के करीब 15 मिनट बाद नहाया जा सकता है। नहाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। साबुन की जगह उबटन लगाएं।
• उबटन बनाने के लिए 1 छोटा चम्मच जौ या चोकर, आधा छोटा चम्मच बेसन, चौथाई छोटा चम्मच हल्दी और चौथाई छोटा चम्मच चंदन पाउडर लें। इसमें दही या गुलाब जल या साधारण पानी मिलाकर घोल बना दें। उबटन को शरीर पर रगड़ें और फिर पानी से धो दें। इसके बाद साफ तौलिए से शरीर पोंछ लें। नहाने के करीब 15 मिनट बाद ब्रेकफस्ट करें। ब्रेकफास्ट में हल्का खाना जैसे दलिया, पोहा, स्प्राउट आदि खाएं। बाद में अपनी रुटीन दिनचर्या शुरू कर दें।
मालिश कई बीमारियों की दवा होती है। नियमित रूप से मालिश करने-कराने से न केवल शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं बल्कि शरीर की रंगत भी निखरती है।
• सिर की मसाज के लिए रूम टेम्प्रेचर पर रखे तेल और बाकी हिस्सों के लिए गुनगुने तेल का इस्तेमाल करना चाहिए।
• मालिश कराने के करीब 15 मिनट बाद नहाया जा सकता है। नहाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। साबुन की जगह उबटन लगाएं।
• उबटन बनाने के लिए 1 छोटा चम्मच जौ या चोकर, आधा छोटा चम्मच बेसन, चौथाई छोटा चम्मच हल्दी और चौथाई छोटा चम्मच चंदन पाउडर लें। इसमें दही या गुलाब जल या साधारण पानी मिलाकर घोल बना दें। उबटन को शरीर पर रगड़ें और फिर पानी से धो दें। इसके बाद साफ तौलिए से शरीर पोंछ लें। नहाने के करीब 15 मिनट बाद ब्रेकफस्ट करें। ब्रेकफास्ट में हल्का खाना जैसे दलिया, पोहा, स्प्राउट आदि खाएं। बाद में अपनी रुटीन दिनचर्या शुरू कर दें।
मालिश कई बीमारियों की दवा होती है। नियमित रूप से मालिश करने-कराने से न केवल शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं बल्कि शरीर की रंगत भी निखरती है।
1 सोने से पहले पैर के तलवों में मालिश करना आपका वजन कम करने में मदद करता है। जी हां, यह आपके मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है जो आपका वजन कम करने में सहायक है, वह भी सेहतमंद तरीके से।
2 वजन कम होना और मोटापा घटना दोनों अलग बातें हैं। सोने से पहले पैरों की मालिश करना, न केवल आपका वजन कम कर सकता है बल्कि आपके शरीर में मौजूद वसा को भी कम करने में मदद करता है। यह पसीने द्वारा शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।
3 यह आपको दिनभर की थकान से निजात दिलाकर, आपको मानसिक और शारीरिक तौर पर सुकून देता है, जिससे आप अच्छी नींद ले पाते हैं। तनाव और सिरदर्द से निजात पाने के लिए भी यह एक बेहतरीन तरीका है।
पैरों की सुंदरता को बनाए रखने के लिए मालिश एक अच्छा विकल्प है। इससे रक्तसंचार बेहतर होता है और पैरों की त्वचा पहले से बेहतर हो जाती है। अगर मालिश के लिए नारियल, बादाम, तिल्ली या अलसी का तेल हो यह सुंदरता प्रदान करेगा।
एक्युप्रेशर थेरेपी के अनुसार पैर के तलवे में अलग-अलग बिंदुओं का संबंध शरीर के अलग-अलग अंगों से होता है। पैरों की मालिश करने से इन सभी अंगों को स्वस्थ रखा जा सकता है। इसके अलावा यह शरीर में गर्मी पैदा करने में भी सहायक है।